बवासीर (जिसे पाइल्स भी कहा जाता है) गुदा और मलाशय के आस-पास की सूजी हुई नसों की समस्या है। यह समस्या तब उत्पन्न होती है जब गुदा नलिका के किनारे स्थित नसें कमजोर होकर फैल जाती हैं, जिससे गुदा के अंदर और बाहर सूजन और दर्द महसूस होता है।
बवासीर के लक्षण:
बवासीर के लक्षण व्यक्ति के शरीर में सूजन और खून बहने के रूप में प्रकट हो सकते हैं। इसके मुख्य लक्षण निम्नलिखित हैं:
- गुदा के आस-पास दर्द और गांठ – गुदा के पास एक सख्त और दर्दनाक गांठ का महसूस होना।
- मल त्याग के बाद खून का बहना – मल त्यागने के बाद चमकीला लाल रक्त दिखना, जो बवासीर का संकेत हो सकता है।
- गुदा के आस-पास खुजली और जलन – इस क्षेत्र में खुजली और जलन की समस्या का होना।
- मल त्याग के दौरान दर्द – मल त्यागने के दौरान अत्यधिक दर्द महसूस होना।
- मलाशय से खून बहना – बवासीर की स्थिति में मलाशय से खून भी बह सकता है।
बवासीर के कारण:
बवासीर के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें प्रमुख कारणों में शामिल हैं:
- मल त्याग के दौरान ज़ोर लगाना: जब आप शौच के दौरान अत्यधिक दबाव डालते हैं, तो इससे गुदा की नसों पर दबाव पड़ता है, जो बवासीर का कारण बन सकता है।
- लंबे समय तक बैठना: खासकर शौचालय पर अधिक समय तक बैठना, जिससे गुदा और मलाशय में रक्त संचार प्रभावित होता है।
- कब्ज या दस्त: अगर आपको लगातार कब्ज़ या दस्त की समस्या हो, तो यह भी बवासीर के कारण बन सकता है।
- कम फाइबर वाला आहार: फाइबर की कमी वाले आहार का सेवन करने से मल में कठोरता आ सकती है, जिससे शौच के दौरान अधिक दबाव पड़ता है और बवासीर का खतरा बढ़ता है।
- भारी सामान उठाना: नियमित रूप से भारी वस्तुएं उठाना भी गुदा पर दबाव डाल सकता है, जिससे बवासीर हो सकता है।
- लगातार खांसी होना: अधिक खांसी से भी गुदा पर दबाव पड़ सकता है और बवासीर हो सकता है।
बवासीर से राहत पाने के उपाय:
बवासीर को नियंत्रित करने और आराम पाने के लिए कई घरेलू उपचार भी उपलब्ध हैं। निम्नलिखित उपायों से आप बवासीर से राहत पा सकते हैं:
- सेब का सिरका: सेब के सिरके में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो बवासीर के दर्द और सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं। इसे सूजन वाली जगह पर हल्के से मसाज करें या एक कप पानी में मिला कर पिएं।
- एलोवेरा: एलोवेरा के गूदे में ठंडक देने और सूजन कम करने के गुण होते हैं। इसे बवासीर के प्रभावित हिस्से पर लगाने से राहत मिल सकती है।
- जैतून का तेल: जैतून का तेल बवासीर के लक्षणों से राहत पाने में मददगार है। इसमें सूजन को कम करने और रक्तसंचार को बेहतर बनाने के गुण होते हैं। आप इसे बवासीर के प्रभावित हिस्से पर हल्के से लगा सकते हैं या इसे आंतरिक रूप से भी सेवन कर सकते हैं।
- फाइबर युक्त आहार: अपने आहार में अधिक फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ जैसे फल, सब्जियाँ, दालें और साबुत अनाज शामिल करें, ताकि कब्ज की समस्या दूर हो और मल त्याग में कोई कठिनाई न हो।
- जलन और दर्द में आराम: बवासीर के कारण जलन और दर्द में आराम पाने के लिए आप गुनगुने पानी से Sitz Bath ले सकते हैं। इसमें बवासीर से प्रभावित क्षेत्र को डुबोने से सूजन और दर्द में राहत मिलती है।
बवासीर से बचाव के उपाय:
- अधिक समय तक शौचालय पर न बैठें।
- कब्ज की समस्या से बचने के लिए फाइबर से भरपूर आहार लें।
- नियमित रूप से शारीरिक गतिविधि करें, ताकि रक्तसंचार बेहतर हो और मल त्याग में कोई कठिनाई न हो।
- पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं, ताकि मल मुलायम रहे और कब्ज से बचाव हो सके।
निष्कर्ष:
बवासीर एक सामान्य समस्या है, लेकिन अगर इसका उचित समय पर इलाज किया जाए, तो इसे आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है। घरेलू उपचारों के साथ-साथ, जीवनशैली में छोटे-छोटे बदलाव भी इस समस्या को ठीक करने में मदद कर सकते हैं। अगर आपको बवासीर के लक्षण लगातार बने रहें, तो डॉक्टर से सलाह लेना आवश्यक है।
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