डीप वेन थ्रॉम्बोसिस (DVT): कारण, लक्षण और उपचार

डीप वेन थ्रॉम्बोसिस (DVT) क्या है?

डीप वेन थ्रॉम्बोसिस (DVT) एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, जिसमें शरीर की गहरी नसों में खून के थक्के (ब्लड क्लॉट) बन जाते हैं। यह आमतौर पर पैरों में होता है, लेकिन शरीर के अन्य हिस्सों में भी हो सकता है। अगर समय पर इलाज न किया जाए तो यह खतरनाक साबित हो सकता है, क्योंकि रक्त का थक्का टूटकर फेफड़ों में जा सकता है, जिसे पल्मोनरी एम्बोलिज़्म (Pulmonary Embolism) कहा जाता है। DVT किसी भी व्यक्ति को हो सकता है, लेकिन यह उन लोगों में अधिक पाया जाता है, जो लंबे समय तक गतिहीन रहते हैं, जिनमें आनुवांशिक थक्के विकार होते हैं, या जो मोटापे से ग्रस्त और धूम्रपान करने वाले होते हैं।

डीप वेन थ्रॉम्बोसिस के कारण:

  1. लंबे समय तक गतिहीनता: हवाई यात्रा या कार में लंबे समय तक बैठे रहना।
  2. सर्जरी: विशेषकर हड्डी या जोड़ों की सर्जरी के बाद।
  3. मोटापा: अधिक वजन से नसों पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है।
  4. धूम्रपान: यह रक्त प्रवाह को धीमा करता है और रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाता है।
  5. गर्भावस्था: गर्भावस्था के दौरान रक्त के थक्के बनने की संभावना बढ़ जाती है।
  6. हार्मोनल परिवर्तन: गर्भनिरोधक गोलियों या हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी के कारण।
  7. अनुवांशिकता: यदि परिवार में किसी को यह समस्या रही हो।

DVT के लक्षण:

  1. पैर में सूजन: यह आमतौर पर एक ही पैर में होती है और खून के थक्के के कारण रक्त प्रवाह में रुकावट होती है।
  2. दर्द और भारीपन: पिंडली में दर्द और ऐंठन का अहसास, जो आराम करने से दूर नहीं होता और खड़े होने या चलने पर बढ़ जाता है।
  3. त्वचा का रंग बदलना: प्रभावित क्षेत्र की त्वचा का रंग लाल, नीला या पीला पड़ सकता है।
  4. गर्माहट और संवेदनशीलता: प्रभावित स्थान पर त्वचा गर्म और संवेदनशील हो सकती है।
  5. सांस लेने में कठिनाई: यदि रक्त का थक्का फेफड़ों में चला जाता है, तो यह पल्मोनरी एम्बोलिज़्म (PE) का कारण बन सकता है, जिससे सांस लेने में कठिनाई हो सकती है।

डीप वेन थ्रॉम्बोसिस के शुरुआती लक्षण:

  1. सूजन: पैर में सूजन सबसे सामान्य प्रारंभिक लक्षण है, जो एक या दोनों पैरों में हो सकती है।
  2. दर्द और कोमलता: पिंडली में दर्द या ऐंठन जैसा अहसास।
  3. गर्मजोशी: प्रभावित पैर का हिस्सा आसपास की त्वचा से अधिक गर्म हो सकता है।
  4. त्वचा का रंग बदलना: प्रभावित क्षेत्र में त्वचा का रंग पीला, लाल या नीला हो सकता है।
  5. पैर में भारीपन: पैरों में लगातार थकान या भारीपन महसूस होना।

DVT से बचाव के उपाय:

  1. गतिशील रहें: लंबे समय तक बैठे रहने से बचें और नियमित रूप से चलते रहें।
  2. पानी पिएं: शरीर को हाइड्रेटेड रखें ताकि रक्त गाढ़ा न हो।
  3. वजन नियंत्रित रखें: स्वस्थ वजन बनाए रखें ताकि नसों पर अतिरिक्त दबाव न पड़े।
  4. धूम्रपान छोड़ें: धूम्रपान से रक्त प्रवाह धीमा होता है और नसों को नुकसान पहुंचता है।

डीप वेन थ्रॉम्बोसिस (DVT) के घरेलू और आयुर्वेदिक उपाय:

  1. लहसुन: रोजाना खाली पेट 1-2 लहसुन की कली चबाएं, यह रक्त के प्रवाह को बेहतर बनाता है।
  1. अदरक का रस: अदरक खून के प्रवाह को बढ़ाता है और थक्कों को बनने से रोकता है।
  1. लाल अंगूर का जूस: रोज़ाना एक गिलास लाल अंगूर का जूस खून के थक्के बनने से रोकने में मदद कर सकता है। इसमें मौजूद पॉलीफ़ेनॉल्स रक्त में प्लेटलेट्स को आपस में चिपकने से रोकते हैं।

अंगूर के अन्य फायदे:

  • अंगूर में विटामिन C और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो इम्यून सिस्टम को मजबूत करते हैं।
  • यह हृदय स्वास्थ्य को बेहतर बनाते हैं और रक्तचाप को नियंत्रित करते हैं।
  • अंगूर में मौजूद फाइबर पाचन स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है और कब्ज को रोकता है।

निष्कर्ष:
डीप वेन थ्रॉम्बोसिस (DVT) एक गंभीर स्थिति है, लेकिन समय पर पहचान और उपचार से इसे नियंत्रित किया जा सकता है। यदि आप DVT के लक्षणों का अनुभव करते हैं, तो तुरंत चिकित्सीय सहायता प्राप्त करें। साथ ही, सही जीवनशैली अपनाने से इस स्थिति से बचाव संभव है।

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